धमतरी में ओडिशा से आया सिकासेर दल के 40 हाथी, धान की फसल रौंद रहे 25 गांव में अलर्ट

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धमतरी में ओडिशा से आया सिकासेर दल के 40 हाथी, धान की फसल रौंद रहे 25 गांव में अलर्ट

ओडिशा से आया सिकासेर दल के 40 हाथी 2 अलग-अलग गुटों में महीनेभर से दुगली व नगरी रेंज के जंगल में विचरण कर खेतों में खड़ी धान की फसल रौंद रहे हैं। वन विभाग के मुताबिक महीनेभर में करीब 50 एकड़ फसल को नुकसान पहुंचा चुके हैं। वर्तमान में महुआ का सीजन है, लेकिन जिस इलाके में सबसे अधिक महुआ का उत्पादन होता है, वहां हाथियों का डेरा है।

ऐसे में वन विभाग की ओर से सुबह-शाम हाथी विचरण क्षेत्र में महुआ बनने पर प्रतिबंध लगाया गया है। साथ ही घरों में महुआ शराब बनाने की मनाही के साथ ग्रामीणों को अलर्ट किया जा रहा, क्योंकि पूर्व में महुआ की गंध से हाथी बस्ती पहुंचकर कई मकान तोड़ चुके हैं। 7 अप्रैल को हाथियों ने दुगली के दिनकरपुर इलाके में खेतों में घुसकर खूब उत्पात मचाया। मोटर पंप सहित सिंचाई के संसाधनों को तोड़ दिया। बिजली तार को भी नुकसान पहुंचाया। वन विभाग की मैदानी टीम के मुताबिक सिकासेर दल के हाथी 2 दल में हैं, इनमें एक दल में 20 से 25 और दूसरे दल में 12 से 15 शामिल हैं।

हाथी जंगल में पेड़ों की छाल और जड़ी को भोजन बना रहे हैं। नदी-नालों के पानी से प्यास बुझा रहे हैं। जंगल की जीन चीजों को हाथियों ने अपना भोजन बनाया है, इनमें महुआ, बेल, छाल, साल-जड़ी, छिंदजड़ी, तेंदू, बीजा छाल, फाफड़ा पत्ता सहित अन्य कंदमूल शामिल हैं।

लोकेशन- कक्ष 273 गजकन्हार परिसर अलर्ट गांव- गजकन्हार, बिलभदर, डोंगरडुला, कल्लेमेटा, गुहाननाला, बांधा, दुगली, कोलियारी, बहारराय पारा। मनाही के बाद भी कई ग्रामीण जा रहे जंगल वन विभाग ने ग्रामीणों को जंगल में से मना किया है । गांव-गांव में विभागीय टीम की ओर से मुनादी भी कराई जा रही है। बावजूद लोग जंगल में दिन हो या रात, कभी भी चले जाते हैं। लोग अपनी जान जोखिम में डालकर जंगल में जाने से परहेज नहीं कर रहे। लोकेशन- कक्ष 333 दक्षिण जबर्रा अलर्ट गांव- चारगांव, जबर्रा, खरखा, गजकन्हार, तुमबाहरा, कल्लेमेटा, दुगली, बिलभदर व नगरी।

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