धमतरी नक्सल प्रभावित वनांचल संघर्ष समिति की चेतावनी – लोकसभा चुनाव में नहीं करेंगे मतदान
धमतरी नक्सल प्रभावित वनांचल संघर्ष समिति की चेतावनी – लोकसभा चुनाव में नहीं करेंगे मतदान

धमतरी\ नगरी ब्लाक के नक्सल प्रभावित वनांचल के 8 गांवों के ग्रामीणों ने अपनी 10 मांगों को लेकर 4 व 5 मार्च को बोराई बस स्टैंड में चक्काजाम किया था। गांव के प्रमुख मार्ग में पेड़ रखकर प्रदर्शन किया। इस दौरान संयुक्त कलेक्टर ने ग्रामीणों के मांगों को सुनकर 7 दिन का आश्वासन दिया था।
अधिकारियों के स्मरण पत्र के साथ आवेदन सौंपा। कलेक्टोरेट पहुंचे अध्यक्ष दुर्योधन नेताम, उपाध्यक्ष राजेश सामरथ, बीजूराम मरकाम, माखनलाल सलाम, बीरेंद्र यादव, कैलाश जैन, ओमप्रकाश नेताम, पदम जैन, केश कुमार पांडे ने कहा कि मांगों पर जल्द विचार नहीं किया गया, तो क्षेत्र के ग्रामवासी लोकसभा में मतदान नहीं करेंगे। मतदान का बहिष्कार किया जाएगा। हड़ताल को अब समाप्त हुए 13 दिन बीत गए हैं, लेकिन समस्या दूर नहीं हुई। मांगों पर दोबारा विचार कराने समिति के पदाधिकारी सोमवार को कलेक्टोरेट पहुंचे।
ग्रामीणों ने बताया कि संयुक्त कलेक्टर ने स्वास्थ्य सुविधा में सुधार कराने का आश्वासन भी दिया, पर आज तक कुछ नहीं हुआ। { सिविल अस्पताल बोरई में 24 घंटे स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध हो। पदस्थ डॉक्टर व कर्मचारी पदस्थापना स्थल पर रहे। अस्पताल में पदस्थ डॉ. संजीव साहू व नर्स सेवती साहू को हटाया जाए। { पुलिस थाने में लंबे समय से पदस्थ कर्मचारियों का ट्रांसफर किया जाए। { सामुदायिक वन संसाधन अधिकार पत्र मिलने के बाद भी पूर्व से मनरेगा से निर्मित तालाबों का गहरीकरण व सड़क मरम्मत कार्यों को वर्तमान में सामान्य वन मंडल द्वारा लगाई गई रोक हटाया जाए। { बुडरा पुल का भूमिपूजन होने के बाद भी निर्माण प्रारंभ नहीं हुआ है, जिसे शुरू कराने, साथ ही लिखमा से एकावारी तक मिट्टी मुरूम सड़क का नरेगा से निर्माण कराया जाए।
4 व 5 मार्च को धरना प्रदर्शन व चक्काजाम के दौरान नगरी ब्लॉक के 8 गांवों के लोग शामिल थे। नगरी ब्लॉक के बोराई, घुटकेल, लिखमा व मैनपुर पंचायत के आश्रित गांव बुड़रा, काटापानी, कोटपारा, मोतिमडीही, एकावारी, मैनपुर और बनियाडीही के ग्रामीण शामिल थे। अपनी 10 मांगों को लेकर प्रदर्शन किया था।
