एक साल में सारे टेस्ट खेलने पर 15 करोड़ की कमाई

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एक साल में सारे टेस्ट खेलने पर 15 करोड़ की कमाई

रेड बॉल क्रिकेट में दिलचस्पी जगाने के लिए बीसीसीआई रोहित शर्मा, द्रविड़ और अगरकर से बातचीत कर रहा है। अगर सबकुछ ठीक रहा तो बढ़ी सैलरी और बोनस के मुताबिक यदि कोई खिलाड़ी एक वर्ष में सभी टेस्ट खेलता है तो वह संभवतः 15 करोड़ कमाएगा।

नई दिल्ली: भारतीय क्रिकेट में अब क्रांतिकारी बदलाव होने वाले हैं। टेस्ट क्रिकेट पर फोकस करने वाले क्रिकेटर्स के दिन बदलने वाले हैं। बीसीसीआई रेड बॉल फॉर्मट खेलने वाले प्लेयर्स पर छप्पर फाड़ पैसा बरसाने वाला है। बीसीसीआई, टीम इंडिया के हेड कोच राहुल द्रविड़, कप्तान रोहित शर्मा और मुख्य चयनकर्ता अजीत अगरकर के साथ बातचीत कर रहा है ताकि खिलाड़ियों के बीच टेस्ट और प्रथम श्रेणी क्रिकेट की दोबारा दिलचस्पी जगाया जा सके। इन्हीं मे से एक प्रस्ताव इन फॉर्मेट में खिलाड़ियों की मैच फीस बढ़ाने का है, जिससे उन्हें निचले मध्य-स्तर के आईपीएल अनुबंधों की कमाई के करीब लाया जा सके।

हालिया समय में भारत के बड़े घरेलू प्रथम श्रेणी टूर्नामेंट, रणजी ट्रॉफी की गुणवत्ता में काफी गिरावट आई है, जिसमें कई खिलाड़ी इंजरी और वर्कलोड मैनेजमेंट का बहाना बनाकर खेलने से कतराते हैं। बोर्ड ने आईपीएल ऑक्शन खत्म होने के बाद भी खिलाड़ियों में रणजी ट्रॉफी में न खेलने की इच्छा देखी है, जिससे उपलब्ध खिलाड़ियों का पूल कम हो गया है। बीसीसीआई के एक सूत्र ने खुलासा किया कि बोर्ड का उद्देश्य उन खिलाड़ियों को पुरस्कृत करना है जो आईपीएल क्रिकेट के बराबर स्तर पर प्रथम श्रेणी क्रिकेट खेल रहे हैं, इसके लिए उनकी सैलरी बढ़ाने की जरूरत है।

सारे टेस्ट मैच खेलने पर बोनस
सूत्र के मुताबिक टेस्ट मैच और प्रथम श्रेणी मैच फीस को तीन गुना किया जा सकता है, जिसके बाद पूरे रणजी ट्रॉफी खेलने वाले प्लेयर को लगभग 75 लाख रुपये कमाने का मौका मिलेगा, जो औसत आईपीएल कॉन्ट्रैक्ट के बराबर है। इसी तरह, एक साल में भारत के लिए सारे टेस्ट मैच खेलने वाले प्लेयर को 15 करोड़ तक सैलरी मिल सकती है, जो एक शानदार आईपीएल कॉन्ट्रैक्ट के बराबर है। फिलहाल, एक खिलाड़ी एक सीजन में सभी 10 रणजी मैच खेलकर लगभग 25 लाख रुपये कमाता है, जबकि एक आईपीएल खिलाड़ी के लिए आधार मूल्य 20 लाख रुपये है। यह देखा गया है कि तेज गेंदबाज, आईपीएल ऑक्शन में बेस प्राइस के बराबर कमाई करने के लिए प्रथम श्रेणी क्रिकेट खेलकर इंजरी से जूझना नहीं चाहता। ऐसे में टीम मैनेजमेंट और सिलेक्टर्स की सिफारिशों की समीक्षा की जा रही है, बीसीसीआई पारिश्रमिक में पर्याप्त वृद्धि पर विचार कर रहा है।’

इसलिए कॉन्ट्रैक्ट फीस का नहीं हुआ ऐलान

वैसे भारतीय क्रिकेट बोर्ड फौरन ही सैलरी में तीगुने इजाफे पर सहमत नहीं हो सकता। अगर इसका आधा भी होता है तो खिलाड़ियों के लिए वह भी एक बड़ी वृद्धि होगी। इसलिए बोर्ड ने अभी तक अनुबंधों के मूल्य की घोषणा नहीं की है। उन्हें यह तय करने की जरूरत है कि मैच फीस बढ़ाई जाए या उसके अनुसार स्पेशल बोनस बनाए जाएं।

टेस्ट क्रिकेटर्स का अलग कॉन्ट्रेक्ट होगा?
सामान्य सालाना कॉन्ट्रैक्ट को संशोधित करने के अलावा, सिलेक्टर्स रेड-बॉल गेंदबाजों, विकेटकीपरों और स्पिनरों का एक पूल बनाने पर भी ध्यान केंद्रित कर रहे हैं जो प्रथम श्रेणी क्रिकेट में प्रदर्शन करने में सक्षम हैं। अजीत अगरकर के नेतृत्व वाली चयन समिति देश भर में प्रतिभाशाली गेंदबाजों की तलाश कर रही है। उदाहरण के लिए कई साल से प्रथम श्रेणी क्रिकेट नहीं खेल रहे खलील अहमद को इस सीजन राजस्थान के लिए रणजी ट्रॉफी खेलने के लिए मनाया गया था। दिल्ली के मयंक यादव का भी ऐसा ही केस था, लेकिन बदकिस्मती रही कि वह विजय हजारे ट्रॉफी के बाद साइड स्ट्रेन के चलते टूर्नामेंट से चूक गए। चयनकर्ताओं ने अर्धदीप सिंह को ज्यादा से ज्यादा रेड बॉल फॉर्मेट खिलाने पर चर्चा की।

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