धमतरी: लीप डे के दिन अस्पतालों में गूंजी किलकारी, एक साथ 13 बच्चों ने लिया जन्म
धमतरी: लीप डे के दिन अस्पतालों में गूंजी किलकारी, एक साथ 13 बच्चों ने लिया जन्म

Child birth on leap day: 29 फरवरी यानी लीप-डे में शहर के अस्पतालों में 13 बच्चों ने जन्म लिए ये बच्चे जीवन के पिच पर एक-एक रन नहीं लेंगे। सीधे चौका लगाएंगे। मसलन हर चार साल में एक बार इन्हें जन्मदिन मनाने का अवसर मिलेगा।
जिला अस्पताल में साल्हेभाट निकवासी प्रसूता जागेश्वरी पति चुनेश ध्रुव को दूसरी बार माता-पिता बनने का सौभाग्य मिला। द्वितीय पुष्प के रूप में बेटे का जन्म हुआ। चुनेश ने बताया कि उसकी पत्नी ने प्रथम संतान के रूप लड़की को जन्म दिया था। दूसरे संतान के साथ ही परिवार पूरा हो गया। चारभाठा (कुरुद) निवासी गायत्री सोनकर को बेटी हुई। परिजनों का कहना है कि 29 फरवरी को जन्मी यह बच्ची पूरे परिवार के लिए खुशियां लेकर आई है। अर्जुनी निवासी डुमेश्वरी पति महेश यादव को भी बेटा हुआ। प्रसूता रमा जोशी को भी पुत्री रत्न प्राप्ति हुई है। सिजेनियन डिलवरी के बाद जनरल वार्ड में जैसे ही बच्ची को रमा को दिखाया गया, उसकी आंखें डबडबा गई। नानी मिलापा बाई और दादी कजला बाई अपने नाती-पोते को गोदी में उठाकर दुलार करने लगे। उसने बताया कि सुबह 11 बजे उन्हें लड़की होने की खुशखबरी मिली। 29 फरवरी के खास दिन जिला अस्पताल सहित निजी अस्पतालों में 8 बेटी और 5 बेटों ने जन्म लिया।
लीप-डे पर मिली पहले संतान की खुशीबठेना रोड स्थित एक निजी अस्पताल में गुरूवार को दोपहर 3.30 बजे सुलेखा बाई धृतलहरे ने बेटी को जन्म दिया। सुलेखा ने बताया कि उसका पति राइस मिल में मुंशी का काम करते हैं। लीप-डे की जानकारी होने से वह इस दिन डिलवरी को टालना चाहते थे, लेकिन परिवार की सहमति से 29 फरवरी को डिलवरी कराया गया। यह उनका पहला बच्चा है। इसलिए वे अपने बच्चे का जन्मदिन हर चार साल में विशेष तरीके से मनाएंगे। इसी अस्पताल में डिंपल और आर्शी को भी मातृत्व सुख मिला।
शहर के जिला अस्पताल सहित निजी अस्पतालों में गुरूवार को 13 दंपत्तियों को संतान सुख की प्राप्ति हुई। कई तो ऐसे हैं जिनके घर में लंबे समय के बाद इस खास दिन में बच्चे की किलकारी गूंजी। पालकों का कहना है कि 29 फरवरी का दिन अपने आप में विशेष है, इसलिए वे अपने बच्चे का नाम भी कुछ विशेष रखेंगे।
